मेजर ध्यानचंद केवल एक खिलाड़ी नहीं बल्कि भारत की हॉकी इतिहास के थे स्वर्णिम युग के निर्माता - बारगांव सरपंच श्रीमती शशिकला सच्चिदानंद मिश्रा
मेजर ध्यानचंद केवल एक खिलाड़ी नहीं बल्कि भारत की हॉकी इतिहास के थे स्वर्णिम युग के निर्माता - बारगांव सरपंच श्रीमती शशिकला सच्चिदानंद मिश्रा
बारगांव (बेरला) खेल मैदान में मनाया गया राष्ट्रीय खेल दिवस
प्रमोद गुप्ता/बेमेतरा 29 अगस्त 2025 - हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद की गौरवपूर्ण स्मृति में बारगांव खेल मैदान में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शशिकला सच्चिदानंद मिश्रा सरपंच ग्राम पंचायत बारगांव, सच्चिदानंद मिश्रा सरपंच प्रतिनिधि, नरेन्द्र वर्मा जिला महामंत्री भारतीय जनता पार्टी बेमेतरा, टिकेश वर्मा उपसरपंच ग्राम पंचायत बारगांव, देवेन्द्र वर्मा मंडल अध्यक्ष सरदा उपस्थित रहे। सर्वप्रथम अतिथिगणों द्वारा मेजर ध्यानचंद के छायाचित्र में माल्यार्पण कर, दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किए।
इस अवसर पर सर्वप्रथम बच्चों को संबोधित करते हुए ग्राम पंचायत बारगांव की सरपंच शशिकला सच्चिदानंद मिश्रा ने कहा कि आज हम सभी बारगांव के खेल मैदान में उपस्थित हैं, आज का यह दिन हॉकी के जादूगर कहे जाने मेजर ध्यानचंद को समर्पित है। मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 में इलाहाबाद में हुआ था, उनके हांकी खेल के प्रति महत्वपूर्ण योगदान एवं समर्पण के लिए आज के इस दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप के मनाते है। जिला महामंत्री नरेन्द्र वर्मा ने बच्चों को मेजर ध्यानचंद के बारे में बताते हुए कहा कि मेजर ध्यानचंद को हांकी का जादूगर कहा जाता है। जब वे खेलते थे तो अविश्वसनीय रूप से गेंद पर नियंत्रण रखते थे, उनकी स्टिक-वर्क और बॉल कंट्रोल अद्भुत था, और वे अपनी शानदार ड्रिबलिंग और गोल करने की क्षमता से दर्शकों को चकित कर देते थे। उनके इस जादुई खेल प्रदर्शन के कारण उन्हें हॉकी का जादूगर की उपाधि मिली थी।
सरपंच प्रतिनिधि सच्चिदानंद मिश्रा ने बच्चों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि 1936 शीतकालीन ओलंपिक खेलो का आयोजन जर्मनी के गार्मिश-पार्टेनकिर्चेन में आयोजित हुआ था। हॉकी खेल के फाइनल मैच में भारत ने जर्मनी को 8-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था, मेजर ध्यानचंद ने इस ऐतिहासिक फाइनल मैच में 03 गोल किए थे। इस हार से हताश जर्मनी का तानाशाह हिटलर स्टेडियम छोड़कर चला गया था। ग्राम पंचायत बारगांव उपसरंच टिकेश वर्मा ने कहा कि भारतीय हॉकी टीम ने अपना पहला स्वर्ण पदक 1928 एम्स्टर्डम, नीदरलैंड्स में आयोजित ओलम्पिक खेल में जीता था। फाइनल मैच में मेजर ध्यानचंद ने हैट्रिक गोल कर जीत में अहम भूमिका था। मंडल अध्यक्ष देवेन्द्र वर्मा ने भी बच्चो को संबोधित किया।
इस दौरान बेमेतरा जिला हॉकी संघ के सचिव व व्यायाम शिक्षिका तुलसी साहू ने खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए कहा कि हॉकी के जादूगर माने जाने वाले मेजर ध्यानचंद के सम्मान और याद में उनके जन्मदिन को हम हर साल राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाते है। भारतीय हॉकी टीम के स्टार खिलाड़ी ध्यानचंद एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी थे, जिन्होंने 1928, 1932 और 1936 में भारत को ओलंपिक खेलों में लगातार तीन स्वर्ण पदक जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मेजर ध्यानचंद को इस खेल में महारत हासिल थी और वो गेंद को अपने नियंत्रण में रखने में इतने निपुण थे कि वो 'हॉकी जादूगर' और 'द मैजिशियन' जैसे नामों से प्रसिद्ध हो गए। ध्यानचंद केवल एक खिलाड़ी नहीं बल्कि भारत के हॉकी इतिहास के स्वर्णिम युग के निर्माता थे। मैदान पर उनकी पकड़ और गेंद पर उनका नियंत्रण इतना जादुई था कि उन्हें पूरी दुनिया में ‘हॉकी का जादूगर’ कहा जाने लगा। 1956 में भारत सरकार ने मेजर ध्यानचंद को पद्म भूषण से सम्मानित किया। आज भी मेजर ध्यानचंद भारतीय खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। उनका जीवन संदेश देता है कि कड़ी मेहनत, अनुशासन और देशभक्ति से कोई भी खिलाड़ी खेल के जरिए अमर हो सकता है। उन्होंने बताया कि इन 04 वर्षों के हॉकी खेल के क्षेत्र में बारगांव की एक अलग पहचान बनी है।
गौरव पूर्ण 04 वर्ष बारगांव हॉकी खेल - चार वर्ष पूर्व बारगांव से खेलो को बढ़ावा देने लिए एक यात्रा शुरू किया गया। वर्ष 2021 में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बारगांव में व्यायाम शिक्षिका व कोच तुलसी साहू की नियुक्ति हुई थी। वे स्वयं हॉकी खेल की राष्ट्रीय खिलाड़ी भी है। उनके मार्गदर्शन में स्कूल से लगे खेल मैदान में हॉकी खेलना शुरू करवाया। वर्ष 2022 में हांकी खेल में बारगांव से 02 बच्चों का चयन राज्य स्तर खेल के लिए हुआ एवं 01 छात्रा डाली निषाद का चयन राष्ट्रीय स्तर के लिए हुआ। वर्ष 2023 में हॉकी खेल में 19 बच्चों का चयन राज्य स्तर एवं 03 बच्चों का चयन राष्ट्रीय स्तर में हुआ। इसी प्रकार 2024 में 19 छात्र/छात्राओं का चयन राज्य स्तर में हुआ एवं 03 बच्चों का चयन राष्ट्रीय स्तर में हुआ। इसी प्रकार बारगांव से हॉकी खेल में यहां के बच्चों का चयन एकेडमी रायपुर में 04 बच्चे, बिलासपुर एकेडमी में 03 बच्चे एवं राजनांदगांव एकेडमी में 02 बच्चों का चयन हुआ। रोजाना बारगांव हॉकी खेल मैदान में 70 से 80 बच्चे हॉकी खेल का गुण सिख रहे है और राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर में जीत दर्ज कर मेडल अर्जित कर रहे है।